कमी है, इसका पता रेलवे के ही उस पत्र से चल जाता है, जो 27 सितंबर को जारी किया गया। इसमें रेलवे ने माना है कि जब रेल मंत्री ने दुरंतो के सूरत में 26 सितंबर से रुकने की घोषणा की, उस समय तक रेल बोर्ड ने कोई तारीख ही तय नहीं की थी।
पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ सुमित ठाकुर का कहना है कि रेल राज्य मंत्री की घोषणा के बाद भी प्रस्ताव तकनीकी कारणों से 26 सितंबर तक पास नहीं हो सका और ट्रेन बिना यात्रियों को लिए ही सूरत से चली गई। भास्कर में 27 सितंबर को खबर प्रकाशित होने के बाद रेल मंत्रालय हरकत में आया और ठीक उसी दिन शाम को 8 बजे शिड्यूल जारी कर दिया गया।
इसमें बताया गया कि 30 सितंबर से सूरत से यात्री हजरत निजामुद्दीन-एर्नाकुलम दुरंतो एक्सप्रेस में यात्रा कर पाएंगे। रेलवे की ओर से जारी सफाई वाले पत्र में साफ कहा गया है कि ट्रेन रोकने के लिए आवश्यक प्रक्रिया का पालन करना होता है, जो 26 सितंबर तक पूरी नहीं हो पाई थी। यानी कि रेल राज्य मंत्री की घोषणा के बाद भी प्रक्रिया सरकारी रफ्तार से ही चलती रही।
रेल राज्य मंत्री के पोस्ट में थी तारीख, रेलवे के लेटर में नहीं
रेलवे अधिकारियों ने सफाई पेश करते हुए कहा कि 21 सितंबर को दुरंतो के शिड्यूल के साथ रेलवे की तरफ से कागज पर कोई तिथि घोषित नहीं की गई थी। जबकि, रेलमंत्री जरदोष के पोस्ट में 26 सितंबर से दुरंतो के रुकने की घोषणा की गई थी।
अधिकारियों की लगी क्लास
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेल राज्यमंत्री दर्शना जरदोष को जब 26 सितंबर शाम को पता चला कि ट्रेन का सूरत स्टेशन पर कमर्शियल हॉल्ट नहीं हुआ तो वे इस बात से स्तब्ध हुई और उन्होंने कहा कि इसकी जांच करके बताती हूं। फिर उन्होंने जानकारी दी कि अब यह ट्रेन 30 सितंबर से सूरत में रुकेगी। अगले दिन सूत्रों ने बताया कि रेल राज्य मंत्री ने पश्चिम रेल के जीएम समेत मंडल के तमाम अधिकारियो को जमकर क्लास ली जिसके 24 घंटे के भीतर ही प्रक्रियाओं का हवाला देने वाले रेल अधिकारियो ने दुरंतो का हॉल्ट निर्धारित कर दिया।
जारी किया पत्र और मंजूर किया हॉल्ट
यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेन संख्या 02283/ 02284 एर्नाकुलम-हजरत निजामुद्दीन दुरंतो स्पेशल ट्रेन को सूरत स्टेशन पर अतिरिक्त ठहराव प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। यह ट्रेन साप्ताहिक आधार पर चलती है और इस ट्रेन का सूरत स्टेशन पर ठहराव एर्नाकुलम से 28 सितंबर को निकलने वाली ट्रेन के लिए 30 सितंबर से और हजरत निजामुद्दीन से 2 अक्टूबर को चलने वाली ट्रेन के लिए 3 अक्टूबर से लागू किया जाएगा। अभी यह हॉल्ट छह महीने के लिए दिया गया है।
अब एक ही दिन में सारी प्रक्रिया पूरी
उधर पश्चिम रेलवे के दो पेज के लिखित पत्र में पेश सफाई से प्रमाणित हुआ कि रेल राज्य मंत्री की 21 सितंबर को की गई घोषणा के समय तक रेलवे की सूरत में दुरंतो रोकने की कोई तैयारी ही नहीं थी। इसके बाद ही प्रस्ताव और प्रक्रिया शुरू की गई। रेलवे ने तर्क दिया है कि टेक्निकल एवं ऑपरेशनल ऑस्पेक्ट्स देखने के बाद किसी ट्रेन का ठहराव देने की प्रक्रिया है।