महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को कोर्ट ने 6 नवंबर तक ED की कस्टडी में भेज दिया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देशमुख को अपर सत्र न्यायाधीश पी बी जाधव के समक्ष दोपहर में पेश किया और पूछताछ के लिए देशमुख की हिरासत का अनुरोध किया. इसके बाद अदालत ने उन्हें एजेंसी की कस्टडी में भेज दिया.
सुनवाई के दौरान देशमुख की तरफ से दो अर्जी लगाई गई. देशमुख के वकील की मांग थी कि पूछताछ के दौरान वकीलों के उपस्थिति हो. साथ ही घर का खाना खाने और दवाई की इजाज़त दी जाए. दोनों की मांगों को अदालत ने मान लिया.
प्रवर्तन निदेशालय ने देशमुख से 12 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ करने के बाद सोमवार देर रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. धन शोधन का यह मामला महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में कथित वसूली गिरोह से जुड़ा है. ईडी कार्यालय में रात बिताने के बाद देशमुख को सुबह करीब सवा 10 बजे अस्पताल ले जाया गया था.
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने के मामले में 21 अप्रैल को देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ईडी ने पूर्व मंत्री और उनके साथियों के खिलाफ जांच शुरू की थी.
ईडी के अनुसार, राज्य के गृह मंत्री के रूप में सेवाएं देते हुए, देशमुख ने अपने पद का कथित तौर पर दुरुपयोग किया और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के जरिए मुंबई में विभिन्न ‘बार’ और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये वसूले थे.
देशमुख के परिवार द्वारा नियंत्रित नागपुर स्थित एक शैक्षणिक न्यास, ‘श्री साईं शिक्षण संस्थान’ में इस पैसे का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया. देशमुख ने अपने ऊपर लगे आरोपों को लगातार खारिज करते हुए कहा कि एजेंसी का पूरा मामला एक दागी पुलिस वाले (वाजे) के दुर्भावनापूर्ण दिए बयानों पर आधारित है.