साइबर सिटी गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़ने के विरोध के कारण जिला प्रशासन ने 8 जगहों पर दी परमिशन को रद्द कर दिया। अब किसी भी सार्वजनिक जगह और खुले स्थान पर नमाज के लिए प्रशासन से पहले अनुमति लेना जरूरी होगा। वहीं डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर (DC) ने एक समिति का गठन किया जो खुले में नमाज अदा करने के लिए स्थानों की पहचान करेगी।
हिंदू संगठन और स्थानीय लोग खुले में नमाज पढ़ने का काफी समय से विरोध कर रहे थे। दूसरी ओर नागरिक एकता मंच के पदाधिकारियों का कहना है कि जिन जगहों पर जुमे की नमाज अदा की जाती है, वहां इससे किसी भी तरह की रुकावट पैदा नहीं होती। संविधान में शांति से किसी भी धर्म के लोगों को अपनी धार्मिक गतिविधियों को जारी रखने का अधिकार है। हालांकि भाईचारा कायम रहे इसलिए वे आम सहमति से ही नमाज अदा करते आए हैं।
स्थानीय लोग और RWA कर रही थी विरोध
स्थानीय लोगों और कई RWA के विरोध के बाद गुरुग्राम जिला प्रशासन ने मंगलवार को शहर में 8 स्थानों की परमिशन रद्द कर दी है, जहां खुले में नमाज पढ़ी जाती थी। पुलिस के अनुसार अन्य जगहों से भी लोगों की आपत्ति मिलने पर वहां भी रोक लगाई जा सकती है। DC यश गर्ग ने नमाज अदा करने के स्थानों की पहचान करने के लिए एक समिति गठित की है।
समिति में SDM, ACP, हिंदू और मुस्लिम संगठनों के सदस्य और अन्य सामाजिक संगठन शामिल किए गए हैं। कमेटी यह तय करेगी कि किसी भी सड़क या सार्वजनिक स्थानों पर नमाज अदा न की जाए।
प्रशासन की सहमति जरूरी
गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता सुभाष बोकेन ने बताया कि नमाज किसी भी ईदगाह, मस्जिद या अपनी जगह पर ही अदा की जा सकती है। इसके अलावा किसी भी सार्वजनिक और खुले स्थान पर नमाज के लिए प्रशासन से सहमति जरूरी होगी। सभी पक्षों से बात करने के बाद यह कमेटी तय करेगी कि भविष्य में नमाज अदा करने के लिए किन जगहों का इस्तेमाल किया जाए, ताकि स्थानीय लोगों को कोई परेशानी न हो।