सुप्रीम कोर्ट की ओर से कृषि कानूनों पर बनाए गए पैनल के सदस्य अनिल घनवट ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर बड़ी मांग रखी है. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर बनाए गए पैनल की गई सिफारिशों को सार्वजनिक कर दिया जाए. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि या तो सुप्रीम कोर्ट इन सिफारिशों को खुद ही सार्वजनिक कर दे या फिर मुझे ऐसा करने के लिए अधिकृत किया जाए. अपने पत्र में घनवट ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों कानून वापसी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके बाद ये कानून पूरी तरह से निष्प्रभावी हो जाएंगे. घनवट ने कहा कि इन कानूनों को लेकर की गई सिफारिशों को सार्वजनिक करके किसानों की गलतफहमी को दूर किया जा सकता है.
बनाई जाए मजबूत नीति
अपने पत्र में अनिल घनवट ने लिखा है कि कृषि कानूनों को पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया गया था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि विकसित देशों की तरह भारत में भी मजबूत नीति बनाई जाए. उन्होंने कहा कि यह तय किया जाएगा कि किसी समुदाय के गुस्से के चलते कोर्ट का बहुमूल्य समय बर्बाद न हो.
किसानों की आलोचना
मीडिया से बात करते हुए घनवट ने उन किसानों की कड़ी आलोचना की जो एमएसपी पर गारंटी की मांग करते हुए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों के हित में बेहतर नीति लागू करनी चाहिए. हालांकि उन्होंने जोडा कि फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी संभव नहीं है.
केंद्र सरकार पर बोला हमला
कृषि कानूनों की वापसी के बाद अनिल घनवट ने केंद्र सरकार पर करारा हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि अगर कृषि कानूनों पर समिति की सिफारिशों को लागू किया जाता तो किसान फायदे में रहते. उन्होंने कहा कि सरकार ने कानून वापसी करके चुनाव जीतने की चिंता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि किसानों के लिए की गई सिफारिशों को पढ़ा नहीं गया.