जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है. इसे लेकर इलाके के लोगों को भी तमाम उम्मीदें हैं. आज इसका शिलान्यास होने के बाद उम्मीद है कि नवंबर 2024 तक इस एयरपोर्ट से उड़ान शुरू हो जाएगी. अब वो दिन दूर नहीं जब विदेश जाने के लिए दिल्ली-NCR के लोगों के पास सिर्फ इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट इकलौता विकल्प नहीं होगा. माना जा रहा है कि 2024 में जेवर एयरपोर्ट ऑपरेशनल हो जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गौतम बुद्ध नगर के जेवर में नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का आधारशिला रखेंगे.
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की खासियतें
जेवर एयरपोर्ट में कुल 5 रनवे होंगे, पहले चरण में यहां 2 रनवे बनेंगे. जबकि दूसरे चरण में इसे बढ़ाकर 5 रनवे कर दिया जाएगा. इस एयरपोर्ट को कुल 3300 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा. इसकी लागत 30 हजार करोड़ के करीब आएगी.
जेवर एयरपोर्ट पर दो रनवे तैयार होंगे. नौर्थ रनवे और साउथ रनवे. नॉर्थ रनवे पर ही VVIP टर्मिनल होगा. यानी इस नॉर्थ रनवे से VVIP लोगों के विमान उड़ान भरेंगे. रनवे की लंबाई 4 किलोमीटर से भी ज्यादा है.
दोनों रनवे के आसपास कुल 186 विमानों को पार्क करने के लिए स्टैंड मौजूद होंगे.
एयरपोर्ट के भीतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रुप में दूसरा विकल्प भी होगा. जिसमें रेलवे स्टेशन शामिल हैं. जहां से आप मेट्रो या हाई स्पीड ट्रेन में सवार होकर करीब के शहरों में जा सकेंगे.
मेट्रो स्टेशन के करीब ही हवाई यात्रियों के बैठने के लिए एक अलग से टर्मिनल का इंतजाम होगा.
नॉर्थ और साउथ दोनों रनवे के बीच ही एटीसी टावर का निर्माण किया जाएगा तो साथ ही साउथ रनवे की तरफ रेस्क्यू और फायर फाइटिंग सिस्टम की इमारत होगी.
एयरपोर्ट के भीतर एक बड़ा सेंट्रल किचन भी तैयार किया जाएगा.
साउथ रनवे के दाईं ओर एक तालाब का भी निर्माण होगा जहां बारिश के पानी को जमा करने का इंतजाम होगा.
इसके अलावा, यमुना एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और आसपास के सभी प्रमुख सड़कों और राजमार्गों को भी जेवर एयरपोर्ट को जोड़ा जाएगा. जेवर एयरपोर्ट से सिर्फ विदेश के लिए हवाई सफर ही नहीं किया जा सकेगा बल्कि जेवर एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा कार्गो का हब होगा. देखिए आसपास शहरों से जेवर एयरपोर्ट की कितनी दूरी होगी..
नोएडा शहर से 60 किमी दूर है
गुड़गांव से 80 किमी की दूरी
गाजियाबाद से 75 किमी की दूरी
आगरा से 130 किमी की दूरी
IGI एयरपोर्ट से 72 किमी की दूरी
एयरपोर्ट के कार्गो टर्मिनल की क्षमता 20 लाख मीट्रिक टन होगी, जिसे बढ़ाकर 80 लाख मीट्रिक टन किया जाएगा. इस कार्गो हब से औद्योगिक उत्पादों की आवाजाही की सुविधा मिलेगी. इससे स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी. देश में पहली बार जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जहाजों के मेंटेनेंस के लिए बड़ा मेंटेनेंस सेंटर स्थापित किया जा रहा है जिसके लिए अब तक देश के जहाज विदेश जाया करते थे.