जानिए कैसे होगा टोल कलेक्शनटोल प्लाजा से FASTag सिस्टम होगा खत्म, आएगी यूरोपीय व्यवस्था, जानिए कैसे होगा टोल कलेक्शन
टोल प्लाजा से FASTag सिस्टम होगा खत्म, आएगी यूरोपीय व्यवस्था, जानिए कैसे होगा टोल कलेक्शन
पहले टोल प्लाजा पर कैश पेमेंट करके गाड़ियां निकल जाती थी, फिर इसके बाद फास्टैग (FASTag) सिस्टम लॉन्च किया गया है। इसे लागू करने के लिए जोर-शोर से तैयारी की गई है। लेकिन अब यह FASTag सिस्टम भी बंद होने के कगार में पहुंच सकता है। सरकार अब पूरी तरह से नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी में है। यह यूरोपीय देशों में शुरू हो चुकी है। जर्मनी और रूस जैसे देशों में इसी सिस्टम के जरिए वसूली हो रही है। यह सिस्टम काफी सफल भी है।
दरअसल, केंद्र सरकार वाहनों से टोल टैक्स की वसूली सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम से करने की तैयारी में है। इसका पायलट प्रोजेक्ट भी चल रहा है। इस सिस्टम के जरिए गाड़ी हाईवे पर जितने किमी चलती है, उसके हिसाब से टोल की राशि लगती है। यूरोपीय देशों में इस फॉर्मूले को सफल होता देख भारत में भी लागू किए जाने पर विचार विमर्श जारी है।
केंद्र सरकार ने शुरू कर दिया ट्रायल
केंद्र सरकार ने नए सिस्टम को लागू करने के लिए कुछ जरूरी टेस्ट शुरू कर दिए हैं। ट्रायल में देशभर की 1.37 लाख गाड़ियों को शामिल किया गया है। महाराष्ट्र में 38,680, दिल्ली में 29,705, उत्तराखंड में 14,401, छत्तीसगढ़ में 13,592, हिमाचल प्रदेश में 10,824 और गोवा में 9,112 वाहन ट्रायल में शामिल किए गए हैं। वहीं, मध्यप्रदेश, मणिपुर, सिक्किम और लद्दाख में अभी सिर्फ एक-एक वाहन पर यह ट्रायल चल रहा है। केंद्र सरकार रूस और दक्षिण कोरिया के कुछ विशेषज्ञों की मदद से एक स्टडी रिपोर्ट तैयार करा रही है।
नीतियों में होगा बदलाव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि नए सिस्टम को लागू करने से पहले परिवहन नीति में भी बदलाव करना जरूरी है। एक्सपर्ट्स की टीम बदलाव करने के लिए जरूरी पॉइंट्स तैयार कर रहे हैं। अगले कुछ हफ्तों में इस पर रिपोर्ट आ सकती है।
कैसे होगी वसूली
बता दें कि जर्मनी और रूस में सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम के इस्तेमाल से टोल कलेक्शन होता है। जर्मनी में 98.8 फीसदी वाहनों में इस सिस्टम को लगा दिया गया है। जिस सड़क पर टोल टैक्स की वसूली की जानी है, उस सड़क पर जैसे ही वाहन प्रवेश करता है, टोल टैक्स की गणना शुरू हो जाती है। इसके बाद जैसे ही वाहन दूसरी सड़क पर जाएगा, तो जितने किलो मीटर तक वाहन को चलाया गया है, उतने किलोमीटर का टोल टैक्स अकाउंट से काट लिया जाता है। अकाउंट से टोल कटने का सिस्टम वैसा ही है, जैसा भारत में फास्टैग का है। भारत में 97 फीसदी वाहनों से फास्टैग के जरिए टोल वसूला जाने लगा है।