मुंबई हमलों के दोषी याकूब मेमन की कब्र को लेकर विवाद शुरू हो चुका है. ये विवाद तब सामने आया जब बताया गया कि याकूब मेमन की कब्र को सजा दिया गया है और इसे एक मजार में तब्दील किया जा रहा है. बीजेपी ने इस मुद्दे को उठाते हुए उद्धव ठाकरे को निशाने पर लिया है. इस मामले में अब पुलिस हरकत में आई है और याकूब मेमन की कब्र पर जो LED लाइट्स लगी थीं उन्हें उखाड़ दिया गया है. ये कब्र बड़ा कब्रिस्तान में मौजूद है.
बीजेपी ने क्या उठाए सवाल
अब पहले ये समझते हैं कि याकूब मेमन की कब्र को लेकर शुरू हुआ विवाद आखिर है क्या. दरअसल बीजेपी ने आरोप लगाया है कि जब उद्धव ठाकरे सरकार थी, तब आतंकी याकूब की कब्र को सजाया गया था. मुंबई बीजेपी अध्यक्ष आशीष शेलार ने कहा कि, उद्धव ठाकरे की शिवसेना कल तक दाऊद समर्थक थी आज वो दाऊद प्रचारक बनी है. याकूब मेमन की फांसी का विरोध करने वाली कांग्रेस पार्टी को शिवसेना ने साथ लिया है. असलम शेख़ जो मुंबई के प्रभारी मंत्री थे वो आदित्य ठाकरे को अपना भाई बताया करते थे. उन्हीं असलम शेख़ ने याकूब को फांसी नहीं देने की मांग की थी. बीजेपी ने सवाल उठाया है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने कब्र को जब मजार बनाया जा रहा था तब क्यूं कार्रवाई नहीं की. क्या उद्धव ठाकरे पर टुकड़े-टुकड़े गैंग का दबाव था?
बीजेपी नेता राम कदम ने कहा कि, पाकिस्तान के इशारे पर 1993 के बॉम्बे बम धमाकों को अंजाम देने वाले आतंकवादी याकूब मेमन की कब्र उद्धव ठाकरे के CM होने पर मजार में बदल गई. क्या यही है मुंबई के लिए उनका प्यार, देशभक्ति? शरद पवार, राहुल गांधी और उन्हें मुंबई की जनता से माफी मांगनी चाहिए.
बीएमसी की तरफ से सफाई
BMC कमिश्नर इक़बाल चहल ने एबीपी न्यूज़ को जानकारी देते हुए बताया कि बड़ा क़ब्रिस्तान हमारे (BMC) के ज्यूरीडिक्शन में नहीं आता है इस वजह से हम इस पर कोई एक्शन या जांच नहीं कर सकते. ये एक प्राइवेट मुस्लिम ट्रस्ट की जगह है. मुंबई में कई और क़ब्रिस्तान हैं जो हमारी ज्यूरीडिक्शन में आते हैं अगर ऐसी किसी कब्रिस्तान में होता तो हम इसकी विस्तार से जांच करते. जुमा मस्जिद ऑफ बोम्बे ट्रस्ट के नाम पर यह बड़ा कब्रिस्तान है.
कब्रिस्तान ट्रस्ट ने क्या कहा?
बड़ा क़ब्रिस्तान के ट्रस्टी शोएब खतिब ने इस पूरे मामले पर कहा कि, ये खबर सही नहीं है. ये लाइट शबे बारात के दिन लगी थी. उस कब्र के आलावा 17 कब्रें और हैं. सात साल पहले मार्बल लगा है. ऐसी खबर गलत फैलाई गई. गणेश उत्सव चल रहा है. ये लाइट गुसलखाना की वजह से लगाई गई हैं. याकूब मेमन के लिए कोई विशेष काम नहीं किया गया है. यहां मेमन की कब्र के पास एक पेड़ गिर गया था जिसके बाद उनके परिवार ने उसकी मरम्मत की इजाज़त मांगी, जिसके बाद हमने वो (मार्बल लगाने की) इजाजत दी. वहां पर लाइट किसी और कारण से लगाई है, याकूब मेमन के लिए नहीं लगाई गई थी.
पुलिस की जांच में पता चला की ये लाइट्स 18 मार्च 2022 को लगाई गई थी. ये शबे बारात का दिन था. इस दिन लोग अपने पुरखों की कब्र पर प्रार्थना पढ़ने जाते हैं और दुआ मांगते हैं कि जो कुछ पाप किया हो, गलत काम किया हो उसे माफ़ करो. ये लाइट बाकी दिन इस्तेमाल नहीं की जाती हैं. फिलहाल इस मामले में पुलिस जांच शुरू हो चुकी है.