दो साल पहले,ताज ईन होटल के सामने,ऐसा ही कर्ब थूकपट्टी लगाकर किया जा रहा था, कोई सुरक्षा के मानक नहीं थे,हमने काम बंद करवाने के बाद ,कर्ब बनाने वाली मशीन द्वारा फिरसे बनाए गए थे।
….. … ये सूर्या नदी का पूल है, जिहां, डेढ महीनाभर पहले चार तारीख को जो सायरस मिस्त्री कि कार दुर्घटना ग्रस्त हुई थी और उनके मित्र कि भी मौके पर हि मौत हो गई थी वही स्पॉट है।
मिडिया में ईस खबर का असर अबतक जारी है, सड़क के तांत्रिक पहलुओं तथा तज्ञ टिम के आरोप और इंजीनियरिंग कमियों को उजागर किया गया था।
आज मुंबई से गुजरात जाने वाली लेन में , ईसी जगह पर सूर्या नदी के पुल से लेकर ,मिडन कट तक ,नया कर्ब बनाने का काम शुरू है,आगे चारोटी नाके कि ओर लगभग तिन सौ मिस्टर पर जो मिडन कट है वह बंद करने के लिए यह कार्य काफी तेजी से हो रहा है,जो एक अच्छी बात है।
लेकिन सिमेंट बजरी और रेत का मिश्रण सिधे तारकोल कि सडक पर क्या पकड बनाए रखने में सक्षम है ? यहां पर जो सुपरवाइजर है ,वह भी खुद मान रहा है कि थोड़ी खुदाई करने के बाद यह कर्ब मजबूत बनेगा , लेकिन जल्दबाजी में यह संभव नहीं ।
कर्ब का मजबूत न होना मतलब ईस तरफ से जाने वाले वाहन , कर्ब को तोडकरि दुसरी लेन में जाकर आमने सामने कि दुर्घटना होना तय है।
हाल फिलहाल जो दुर्घटनाए हुई हैं ,उन सब में पंचनामा पढ़ने पर , सामने से तेज गति से आने वाले वाहन ने डिवाइडर तोड कर ,ईस ओर के वाहन को टक्कर मारी ।
यह बात दर्ज़ है,
क्रब या डिवाईडर कि नींव हि नहीं है,पैर कि ठोकर से टूट जाता है ,वह किसी वाहन कि जरासी ठोकर कैसे झेलेगा ?
क्या ईस तरह से आने वाले समय में हादसे कम कर पाएंगे ?
प्राधिकरण ने नियुक्त किया ठेकेदार और CEG के इंजीनियर अपना कर्तव्य निभाने कि शर्म छोड चुके हैं ? या बिके हुए हैं।
सिधे तौर पर वाहन चालक को दोषी ठहराया और हो गया काम….
दोषि और नामजद आरोपी इंजीनियर साहब हि ईस काम को करवा रहे हैं, पिछले तलासरी , आमगांव ऊड्डानपुल पर गड्डो कि वजह से दो दिनों में छ लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
FIR में नामजद आरोपी इंजीनियर तथा ठेकेदार कं. पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
क्या और कोई बडी दुर्घटना होने का इंतजार है…?
” राम हि जाने ”
“सनसनी फैलाना हमारा मक्सद नहीं”
“हमारी कोशिश है कि यह सुरत बदलनी चाहिए”