ये आंखो देखा हाल हमारे ग्रुप के, मृत्युन्जय दूत जनाब इद्रीस भाई हैं…
जो खूद की जान जोखीम में डालकर, रात – दिन इस तरह से दुर्घटना ग्रस्तो की मदत भी करते हैं…
इनका दावा है … के चारोटी उड्डाणपूल को
दुर्घटना, पर्यटन स्थल
घोषित किया जाय…
जीस किसी भाई, या इंजिनिअरिंग की पढाई में इस तरह की दुर्घटना देखने की जरुरत हो तो वे चारोटी जरूर पधारे….
इस महामार्ग पर ऐसे और भी कई दुर्घटना स्थळ हैं, लेकिन चारोटी उड्डाणपूल का महत्व इसलिये है की
चौबीस घंटे के भितर कोई ना कोई अभागे की दुर्घटना आपको जरूर देखने को मिल जायेगी
….. हाय मॅक्स टॉवर है पर लाईट जलती नही,…. अंडर पास में भी हॅलोजन लाईट है पर बंद है…… उड्डाणं पूल के उपर खंबे हैं… कई खम्भे गाडिया टकराने की वजह से मौजुद नही हैं और इस डर के मरे दुसरे खम्भे भी उजाला नही दे रहे,… कुल मिलाके…. अंधेरा ही अंधेरा ही अंधेरा है.,..
क्यों न हो……
अंधेर नगरी….IRB
चौपट राजा…..NHAI के अधिकारी
पिछले तीन महिनोसे घोडबंदर के nhai के ऑफिस में कोई अधीकारी मौजुद नही है…. दिन में भी..ताला लगा रहता है.
भगवान, ईश्वर, अल्ल्हा से दुआ करो की…
इन जिंदा आत्मओ को भी सद्बुद्धी दें.
जय हिंद,
जय महाराष्ट्र….????