अगर आप भी राशन कार्ड धारक हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है. केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana) के तहत गेहूं का कोटा घटाकर चावल का कोटा बढ़ा दिया है. यह बदलाव कई राज्यों और कुछ केंद्र शासित प्रदेश में किया गया है. इससे राशन कार्ड होल्डर्स को पहले के मुकाबले कम गेहूं मिलेगा.
PMGKAY के तहत 25 राज्यों के कोटे में बदलाव नहीं
दरअसल, केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत मई से सितंबर तक आवंटित होने वाले गेहूं के कोटे को घटा दिया है. इसके बाद तीन PMGKAY के तहत तीन राज्यों बिहार, केरल और उत्तर प्रदेश को मुफ्त वितरण के लिए गेहूं नहीं दिया जाएगा. इसके अलावा दिल्ली, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के गेहूं के कोटे में कमी की गई है. बाकी 25 राज्यों के कोटे में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है.
गेहूं के घटे हुए कोटे की भरपाई चावल से होगी
केंद्र की तरफ से राज्यों को दी गई जानकारी में बताया गया ‘मई से सितंबर तक बाकी 5 महीनों के लिए सभी 36 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के लिए चावल और गेहूं के पीएमकेजीएवाई (PMGKAY) आवंटन में बदलाव का फैसला किया गया है.’ खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा कि गेहूं के घटे हुए कोटे की भरपाई चावल से की जाएगी.
गेहूं की कम खरीद होना है मुख्य कारण
राज्यों के लिए घटाए गए कोटे का कारण गेहूं की कम खरीद को बताया जा रहा है. खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने बताया, ‘करीब 55 लाख मीट्रिक टन चावल का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा, इतनी ही मात्रा में गेहूं की बचत होगी.’ सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों से दो चरण में व्यापक परामर्श के बाद यह फैसला किया गया.
NFSA के तहत चावल के अनुरोध पर विचार करेंगे
पांडे ने बताया कि यह संशोधन केवल पीएमजीकेएवाई (PMGKAY) के लिए है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत आवंटन पर राज्यों के साथ चर्चा जारी है. उन्होंने यह भी कहा ‘अगर कुछ राज्य एनएफएसए के तहत अधिक चावल लेना चाहते हैं, तो हम उनके अनुरोध पर विचार करेंगे’.
क्या होगा असर?
उत्तराखंड में केंद्र सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत घटाए गए गेहूं के कोटे से राज्य में अब जून से गेहूं कम और चावल ज्यादा दिया जाएगा. राज्य के 14 लाख राशनकार्ड धारकों को जून से प्रति यूनिट 3 किलो गेहूं की जगह 1 किलो गेहूं मिलेगा. जबकि चावल 2 किलोग्राम की बजाय 4 किलो दिया जाएगा.