शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) को बड़ी राहत मिली है और सेशंस कोर्ट से जमानत मिल गई है. मुंबई की पीएमएलए कोर्ट ने बेल अर्जी मंजूर कर ली है. बता दें कि पात्रा चॉल घोटाला मामले (Patra Chawl Scam Case) में गिरफ्तार संजय राउत फिलहाल ऑर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में हैं. संजय राउत के अलावा उनके करीबी प्रवीण राउत को भी पीएमएलए कोर्ट से जमानत मिली है. संजय राउत को जमानत मिल गई है, लेकिन उनकी रिहाई को लेकर सस्पेंस बरकरार है. ईडी ने जमानत पर स्टे की अर्जी दी है, जिसपर आज ही दोपहर 3 बजे फैसला आएगा.
संजय राउत 102 दिन बाद निकलेंगे जेल से बाहर?
शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस साल जुलाई में पात्रा चॉल घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था. इसके बाद कई बार कोर्ट ने संजय राउत की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. अब उन्हें राहत मिली है और 102 दिन बाद जेल से बाहर आएंगे.
क्या है पात्रा चॉल घोटाला?
पात्रा चॉल घोटाले (Patra Chawl Scam Case) की शुरुआत साल 2007 से हुई. पात्रा चॉल मुंबई के गोरेगांव इलाके में मौजूद है और ये जगह करीब 47 एकड़ में फैली थी. शुरुआत में गुरु कंस्ट्रक्शन कंपनी ने इसे रीडिवेलप करने का कॉन्ट्रैक्ट लिया और बाद में हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) समेत कई कंपनियों के पास इसे बेच दिया गया. यहां 600 से ज्यादा लोगों को घर बना कर देने थे, लेकिन 15 साल के बाद भी कंपनी ने लोगों को फ्लैट बनाकर नहीं दिए. इस मामले में महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डिवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA), प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की मिली भगत से यह घोटाला होने का आरोप है.
इस घोटाले में संजय राउत का क्या है रोल?
गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड नाम की जिस कंपनी पर आर्थिक गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप हैं, उसमें प्रवीण राउत डायरेक्टर थे और वो संजय राउत के बहुत खास माने जाते हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मुताबिक प्रवीण राउत ने महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डिवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) की जमीन को गलत तरीके से बिल्डर्स को बेचा और HDIL नाम की Construction Company से 112 करोड़ रुपये की राशि भी जुटा ली, जिसमें से आरोप है कि एक करोड़ 6 लाख रुपये संजय राउत और उनकी पत्नी को मिले.