दिल्ली के साकेत कोर्ट ने श्रद्धा हत्या मामले (Shraddha Murder Case) में दिल्ली पुलिस को आफताब का नार्को टेस्ट (Narco Test) कराने की इजाजत दे दी है. अब दिल्ली पुलिस जल्द ही हत्या के आरोपी आफताब का नार्को टेस्ट कराएगी. दिल्ली पुलिस ने साकेत कोर्ट में नार्को टेस्ट की इजाजत के लिए अर्जी लगाई थी. मामले में आफताब लगातार जांच भटकाने की कोशिश कर रहा है.
पुलिस ने बताया कि वह श्रद्धा के मोबाइल और कत्ल के लिए इस्तेमाल की गई आरी को लेकर सही जानकारी नहीं दे रहा है. वह कभी मोबाइल महाराष्ट्र में तो कभी दिल्ली में फेंकने की बात बता रहा है. हथियार को लेकर भी अभी तक उसने कहीं जानकारी नहीं दी है. नार्को टेस्ट के जरिये अब पुलिस मामले की तह तक जाएगी. इससे पहले पुलिस आफताब को उसी जंगल में लेकर गई थी, जहां उसने श्रद्धा के शरीर के टुकड़ों को फेंका था.
मनोरोग विशेषज्ञ की मदद क्यों ले रही पुलिस
दिल्ली पुलिस का कहना है कि आफताब से पूछताछ के लिए मनोरोग विशेषज्ञ की मदद ली जा रही है. जिस तरह से उसने कत्ल की इस वारदात को अंजाम दिया और लाश के 35 टुकड़े किए पुलिस को लगता है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. इसलिए जब उससे पूछताछ की जा रही है उस समय उसकी मानसिक स्थिति को समझने के लिए एक मनोरोग विशेषज्ञ भी पुलिस की टीम के साथ होती है.
दोस्त की आशंका के बाद दर्ज हुआ था मामला
पालघर पुलिस के सामने 12 अक्टूबर को माणिकपुर पुलिस थाने में श्रद्धा वालकर की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी. दरअसल, श्रद्धा के बचपन के दोस्त लक्ष्मण ने श्रद्धा के पिता विकास वालकर को बताया था कि उनकी बेटी से उसका पिछले कई महीनों से संपर्क नहीं हो रहा है और अनहोनी की आशंका है. इसके बाद श्रद्धा के पिता विकास वालकर ने शिकायत दर्ज कराई थी.
लाश को ऐसे ठिकाने लगाता रहा आरोपी
दिल्ली में अपनी ‘लिव-इन पार्टनर’ की हत्या करने और उसके शव के टुकड़े-टुकड़े कर फेंकने के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला को लेकर अब तक कई बातें सामने आई हैं. इससे पहले पुलिस उसे छतरपुर के जंगल में ले गई थी, जहां उसने कथित रूप से श्रद्धा वालकर के शव के 35 टुकड़े फेंके थे. पूनावाला पर आरोप है कि उसने करीब तीन सप्ताह तक दक्षिणी दिल्ली के महरौली में अपने घर में 300 लीटर के फ्रिज में श्रद्धा की लाश के टुकड़े रखे थे और कई दिनों में उन्हें ठिकाने लगाया था.
????????????????अरे बाबांनो
हत्यारा कुणा धर्माचा न्हवती
फक्त आफताब नाव आल की त्याला मुस्लिम नाव देणं चुकीचं आहे.
आफ्ताब पारसी अस त्याच नाव आहे.
आणि पारसी लोक फक्त नावाने मुस्लिम असतात
पण त्यांचा धर्म ना हिंदू असतो ना मुस्लिम असतो
हे कदाचित ग्रुप मधील काही लोकांना माहीत नसेल.
पण तरीही
त्यांच्या निदर्शनात आणून देतो
की
हात्यारा साठी कोणीही धर्माचा व्यक्ती सापोर्ड करू शकत नाही
हे मी फक्त के माणुसकी जपतात त्यांच्या साठी लिवलाय
बाकीच्यांसाठी नाही
समाजात थेट निर्माण करण्याचे प्रयत्न करण्यासाठी नाही.
भाई आपला जिल्हा सर्व सम भाव आहे
आणि
तसच राहो ही माझी इच्छा आहे
आरोप हा आरोपीचं असतो
त्याला रस्त्यावर फासी द्यायला पाहिजे
ही सर्व धर्मियाची इच्छा आहे.
तर ग्रुप मधील काही माझ्या मित्रांनी हे लीहल म्हणून मला इथे सांगावं लागतय
भाई ती गेली पण तिच्या मारेकऱ्यांना सजा होवो ही माझी इच्छा आहे
याला नावा वरून जातीच जाना नका ताखु
ही जातीयवादी लोकांना माजा संदेश आहे.
कुणाला वाईट वाटल आसेल तर मी माफी मांगतोय