एनसीपी चीफ शरद पवार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 अगस्त को एक ही मंच शेयर करते हुए नजर आएंगे. दरअसल, पीएम मोदी को इस दौरान तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट की ओर से लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, जिसमें एनसीपी मुखिया भी शामिल होंगे. वहीं दूसरी ओर इस कार्यक्रम को लेकर एक नया विवाद भी शुरू हो गया है.
सियासी गलियारों में अब सवाल उठ रहा है कि पवार किसे प्राथमिकता देंगे क्योंकि केंद्र सरकार सोमवार को लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा बिल लाने वाली है.
‘इस देश के पीएम हैं.. उनका सम्मान करना पड़ेगा’
एनसीपी में बगावत और अजित पवार के एनडीए में शामिल होने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनसीपी चीफ शरद पवार एक साथ दिखेंगे. पीएम मोदी और शरद पवार के मंच साझा करने को लेकर अलग-अलग नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. इसी कड़ी में एनसीपी सांसद वंदना चौहान ने कहा- ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस देश के पीएम हैं, उनका सम्मान करना पड़ेगा इसलिए प्रोग्राम में शरद पवार जा रहे हैं’. सूत्रों के मुताबिक, विपक्षी दल पीएम मोदी के साथ मंच साझा करने को लेकर नाराज हैं.
शरद पवार को चीफ गेस्ट के रूप में किया गया आमंत्रित
विपक्षी दलों की बैठक में भी इस बात का जिक्र किया गया है. सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में इस बात पर चर्चा हुई है कि शरद पवार को एक अगस्त वाले कार्यक्रम की बजाय राज्यसभा में वोटिंग को प्राथमिकता देनी चाहिए. पुणे में 1 अगस्त को होने वाला यह कार्यक्रम तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट (हिंद स्वराज संघ) की तरफ से ऑर्गेनाइज किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में शरद पवार को चीफ गेस्ट के रूप में इन्विटेशन भेजा गया है, जबकि उनके भतीजे और मौजूदा डिप्टी सीएम अजित पवार भी गेस्ट लिस्ट में शामिल हैं.