कल ही एन्टिकरप्शन की रेड में,तीन सौ रुपये कि रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ वाहन निरीक्षक और उनका हस्तक कि नाशिक से आए भ्रष्टाचार निरोधक पथक ने छापा मारा है। महिना तिन हजार , और ईंट्रि सौ रुपया , तथा भारी वाहनो से चारहजार पांच सौ का रेट सरेआम चर्चा में है ,बाकायदा ईसकि अवैध रसीद भी दी जाती थी। जो नाजायज है ।
क्या पत्रकार बिक गए इतनी बड़ी कार्रवाई होने पर भी ,पालघर जिला के कोई बडा अखबार या चैनल पर यह खबर नदारद है।
लगता है प्रेसवार्ता आने पर भी पालघर जिला के सैंकड़ों पत्रकारों ने अपने हितसंबधो की तिजोरी सुरक्षित रखी है, या पाकिट का दम है….?
जो यह न्यूज अबतक नहीं लगाई ..?
लेकिन कुछ पत्रकार दम रखते हैं और ठोक बजाकर पत्रकारिता कि लाज रखना अपना कर्त्तव्य मानते हैं।
पुरे प्रमआईसस में , पनौती को दुर करनें का यह कोई पहला ईलाज नहीं है , हर साल एखाद तेल से भरा टैंकर , यहां पलटकर , शनीदेवता को प्रसन्न करने कि हिम्मत रखता है।
अब कम से कम एक साल तक कोइ अप्रिय कार्रवाई का खतरा नहीं ।
जानता कि जेब पर बदस्तुर डाका पड़ता रहेगा।
ट्रैफिक जाम या वाहनों कि लंबी कतार , हमें कोई लेना देना नहीं ।
जबतक शनीदेवता प्रसन्न हैं , प्रसाद सब में बंटता रहेगा ।
????इस व्हिडिओ में आप देख सकते हो किस तरह एन्ट्री यहा ली जाती है…
और कल यहा पर अँटी करप्शन नासिक ती कारवाई के बाद यहा पर सन्नाटा दिखाई दे रहा है….
अपना काम बनता है भाड मे जावे जनता,.