22 अप्रैल 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरण घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए हैं, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। कुछ रिपोर्टों के अनुसार मृतकों की संख्या 28 तक पहुंच चुकी है। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है।
- हमले की स्थिति
यह हमला उस समय हुआ जब पर्यटक बैसरण घाटी की सुंदरता का आनंद ले रहे थे। आतंकियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे अफरा-तफरी मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकियों ने कुछ पर्यटकों से उनके नाम पूछे, उनके पहचान पत्र चेक किए और कुछ को धर्म संबंधी सवाल भी किए।
- मृतकों की पहचान
मृतकों में भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी शामिल हैं, जो अपनी पत्नी के साथ हनीमून पर पहलगाम आए थे। इसके अलावा, बेंगलुरु के टेक्नीशियन भारत भूषण, कोलकाता के बिटन अधिकारी, और विशाखापत्तनम के रिटायर्ड SBI कर्मचारी चंद्रमौली भी हमले में जान गंवाने वालों में शामिल हैं।
- हमले का तरीका
आतंकी हमलावरों ने पर्यटकों के समूह पर अचानक हमला किया। हमलावरों ने पीड़ितों से उनके नाम पूछे और उनके धर्म की पहचान करने के लिए उन्हें “कलमा” पढ़ने को कहा। इस हमले के दौरान एक महिला ने बताया कि उनके पति को गोली मार दी गई क्योंकि आतंकियों ने उन्हें “मुस्लिम नहीं” समझा।
- सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना ने इलाके को घेर लिया और दो आतंकियों को मार गिराया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि “भारत आतंक के सामने नहीं झुकेगा”। उन्होंने पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की और दोषियों को कड़ी सजा देने का आश्वासन दिया।
- अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद अमेरिका, रूस और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं ने भारत को समर्थन का आश्वासन दिया। पाकिस्तान ने इस हमले पर चिंता जताई, हालांकि भारत में इसे पाकिस्तान के आतंकवादियों द्वारा किया गया हमला माना जा रहा है।
- स्थानीय प्रभाव
हमले के बाद कश्मीर घाटी से पर्यटकों का पलायन शुरू हो गया है। जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग भी बाढ़ और भूस्खलन के कारण बंद हो गया है, जिससे कई पर्यटक फंसे हुए हैं। कश्मीर के प्रमुख अखबारों ने हमले के खिलाफ विरोध स्वरूप अपने पहले पन्ने काले कर दिए।
यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में नागरिकों पर सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। कश्मीर में पहले भी आतंकी हमले हुए हैं, जिनमें 1995 में अल-फरान द्वारा विदेशी पर्यटकों का अपहरण और 2000 में 32 लोगों की हत्या शामिल है।
सोशल मीडिया पर अफवाहों का खंडन: हमले के बारे में सोशल मीडिया पर कुछ अफवाहें भी फैल रही हैं, जैसे कि हमले में केवल हिंदुओं को निशाना बनाया गया। इन दावों को अभी तक सत्यापित नहीं किया गया है, और ऐसी घटनाओं में केवल आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करना चाहिए।
यह जानकारी 23 अप्रैल 2025 तक उपलब्ध समाचारों और स्रोतों पर आधारित है। स्थिति बदलने पर और अपडेट्स आ सकते हैं।