कभी आपने महसूस किया है कि मोबाइल और कंप्यूटर की वजह से आपके रोजमर्रा के काम कितने आसान हो गए है। आपके तमाम काम घर बैठे-बैठे आसानी से हो जा रहे हैं। न कहीं जाना पड़ता है, न ही समय और पैसा खर्च करना पड़ता है।
आप जब चाहे कुछ सेंकेड के भीतर ही विदेश में रह रहे रिश्तेदार से आप नजरें मिलाकर बातें कर सकते हैं। आज यह सब कुछ इसलिए संभव हुआ क्योंकि करीब 40 साल पहले एक नेता ने इसके लिए अपने हाई प्रोफाईल पायलट के करियर को छोड़ राजनीति ज्वाइन की और देशद्रोहियों की साजिश के बाद आज ही के दिन यानी 21 मई 1991 को शहीद हो गए।
जरा सोच कर देखिए, आप के हाथ में मोबाइल न हो,कंप्यूटर न हो तो क्या होगा…… मतलब जिंदगी कठिन हो जाएगी। आप जानते हैं कि कम्प्यूटर और मोबाइल लाकर देश में नए युग का आगाज करने वाला हीरो कौन है …. उस हीरो का नाम है राजीव गांधी।
90 का दशक था, दुनिया के दो-चार देशों में टेलीफोन और बड़े आकार वाली मोबाइल की शुरूआत हो रही थी। ऐसे में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को महसूस हुआ कि आने वाला युग टेलीफोन और मोबाइल का है। इसलिए भारत को अभी से इसकी तैयारी कर लेनी चाहिए।
इसके बाद राजीव गांधी की पहल पर अगस्त 1984 में पहले दूरसंचार नेटवर्क की स्थापना के लिए सेंटर फॉर डिवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) की स्थापना हुई। इसके बाद दूरसंचार नेटवर्क का विस्तार करने के लिए अप्रैल 1986 में महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) की स्थापना हुई।
दूरसंचार क्रांति की दुनिया में राजीव गांधी की ये पहल मील का पत्थर साबित हुई। कुछ ही सालों में भारत के शहरों से लेकर गांवों तक दूरसंचार का जाल बिछना शुरू हुआ। जगह-जगह पीसीओ खुलने लगे। जिससे गांव की जनता भी संचार के मामले में देश-दुनिया से जुड़ सकी।
सी-डॉट और MTNL के माध्यम से कंम्यूटर और फोन बनाने के लिए आवश्यक उपकरणों की डिमांड भी पूरी होने लगी। यहां हो रहे नए-नए रिसर्च से कंप्यूर, टेलीफोन और मोबाइल क्रांति को गति मिली।
आज देश के हर अमीर-गरीब के पास मोबाइल है। मोबाइल और कंप्यूटर ने लोगों की जिंदगी को बेहद आसान बना दिया। मगर सोचिए, अगर उस वक्त राजीव गांधी ने इसके बारे में पहल न की होती तो क्या आज घर–घर लैपटॉप– कंप्यूटर और हर हाथ में मोबाइल होता….. संभव ही नहीं है।
इसके अलावा राजीव जी ने ही वोट देने का अधिकार 21 वर्ष से घटकर 18 वर्ष किया था। ताकि देश की राजनीति में युवाओं की सक्रिय भागीदारी बढ़े। उन्होंने स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में महिलाओं के लिए 35% आरक्षण का भी प्रावधान किया।
राजीव गांधी ने शिक्षा, स्वास्थ्य और तकनीक क्षेत्र में देश के लिए एक से बढ़कर एक काम किए थे, मगर उनके असमय चले जाने से कई सपने भी अधूरे भी रह गए….
क्या कमाल के इंसान थे राजीव गांधी……अब राजीव गांधी जैसा प्रधानमंत्री मिलना मुश्किल है, जो देश को ऐतिहासिक तरक्की के रास्ते पर ले जाए।
आज उनकी पुण्यतिथि पर पूरा देश कृतज्ञता से उनको नमन कर रहा है,उनकी ऐतिहासिक उपलब्धियों को याद कर रहा है। हम सब देशभक्त कभी नहीं भूलेंगे अपने उस हीरो को!